117وَمَن يَدعُ مَعَ اللَّهِ إِلٰهًا آخَرَ لا بُرهانَ لَهُ بِهِ فَإِنَّما حِسابُهُ عِندَ رَبِّهِ ۚ إِنَّهُ لا يُفلِحُ الكافِرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर जो कोई अल्लाह के साथ किसी दूसरे पूज्य को पुकारे, जिसके लिए उसके पास कोई प्रमाम नहीं, तो बस उसका हिसाब उसके रब के पास है। निश्चय ही इनकार करनेवाले कभी सफल नहीं होगे