107رَبَّنا أَخرِجنا مِنها فَإِن عُدنا فَإِنّا ظالِمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहमारे रब! हमें यहाँ से निकाल दे! फिर हम दोबारा ऐसा करें तो निश्चय ही हम अत्याचारी होंगे।"