105أَلَم تَكُن آياتي تُتلىٰ عَلَيكُم فَكُنتُم بِها تُكَذِّبونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमद(कहा जाएगा,) "क्या तुम्हें मेरी आयातें सुनाई नहीं जाती थी, तो तुम उन्हें झुठलाते थे?"