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Sura 22
Aya 54
54
وَلِيَعلَمَ الَّذينَ أوتُوا العِلمَ أَنَّهُ الحَقُّ مِن رَبِّكَ فَيُؤمِنوا بِهِ فَتُخبِتَ لَهُ قُلوبُهُم ۗ وَإِنَّ اللَّهَ لَهادِ الَّذينَ آمَنوا إِلىٰ صِراطٍ مُستَقيمٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (इसलिए भी) ताकि जिन लोगों को (कुतूबे समावी का) इल्म अता हुआ है वह जान लें कि ये (वही) बेशक तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से ठीक ठीक (नाज़िल) हुईहै फिर (ये ख्याल करके) इस पर वह लोग ईमान लाए फिर उनके दिल खुदा के सामने आजिज़ी करें और इसमें तो शक ही नहीं कि जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया उनकी खुदा सीधी राह तक पहुँचा देता है