34وَلِكُلِّ أُمَّةٍ جَعَلنا مَنسَكًا لِيَذكُرُوا اسمَ اللَّهِ عَلىٰ ما رَزَقَهُم مِن بَهيمَةِ الأَنعامِ ۗ فَإِلٰهُكُم إِلٰهٌ واحِدٌ فَلَهُ أَسلِموا ۗ وَبَشِّرِ المُخبِتينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हमने तो हर उम्मत के वास्ते क़ुरबानी का तरीक़ा मुक़र्रर कर दिया है ताकि जो मवेशी चारपाए खुदा ने उन्हें अता किए हैं उन पर (ज़िबाह के वक्त) ख़ुदा का नाम ले ग़रज़ तुम लोगों का माबूद (वही) यकता खुदा है तो उसी के फरमाबरदार बन जाओ