32ذٰلِكَ وَمَن يُعَظِّم شَعائِرَ اللَّهِ فَإِنَّها مِن تَقوَى القُلوبِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीये (याद रखो) और जिस शख्स ने खुदा की निशानियों की ताज़ीम की तो कुछ शक नहीं कि ये भी दिलों की परहेज़गारी से हासिल होती है