97وَاقتَرَبَ الوَعدُ الحَقُّ فَإِذا هِيَ شاخِصَةٌ أَبصارُ الَّذينَ كَفَروا يا وَيلَنا قَد كُنّا في غَفلَةٍ مِن هٰذا بَل كُنّا ظالِمينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर सच्चा वादा निकट आ लगेगा, तो क्या देखेंगे कि उन लोगों की आँखें फटी की फटी रह गई हैं, जिन्होंने इनकार किया था, "हाय, हमारा दुर्भाग्य! हम इसकी ओर से असावधान रहे, बल्कि हम ही अत्याचारी थे।"