95وَحَرامٌ عَلىٰ قَريَةٍ أَهلَكناها أَنَّهُم لا يَرجِعونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर किसी बस्ती के लिए असम्भव है जिसे हमने विनष्ट कर दिया कि उसके लोग (क़ियामत के दिन दंड पाने हेतु) न लौटें