89وَزَكَرِيّا إِذ نادىٰ رَبَّهُ رَبِّ لا تَذَرني فَردًا وَأَنتَ خَيرُ الوارِثينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ज़करिया (को याद करो) जब उन्होंने (मायूस की हालत में) अपने परवरदिगार से दुआ की ऐ मेरे पालने वाले मुझे तन्हा (बे औलाद) न छोड़ और तू तो सब वारिसों से बेहतर है