84فَاستَجَبنا لَهُ فَكَشَفنا ما بِهِ مِن ضُرٍّ ۖ وَآتَيناهُ أَهلَهُ وَمِثلَهُم مَعَهُم رَحمَةً مِن عِندِنا وَذِكرىٰ لِلعابِدينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो हमने उनकी दुआ कुबूल की तो हमने उनका जो कुछ दर्द दुख था दफ़ा कर दिया और उन्हें उनके लड़के वाले बल्कि उनके साथ उतनी ही और भी महज़ अपनी ख़ास मेहरबानी से और इबादत करने वालों की इबरत के वास्ते अता किए