82وَمِنَ الشَّياطينِ مَن يَغوصونَ لَهُ وَيَعمَلونَ عَمَلًا دونَ ذٰلِكَ ۖ وَكُنّا لَهُم حافِظينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जिन्नात में से जो लोग (समन्दर में) ग़ोता लगाकर (जवाहरात निकालने वाले) थे और उसके अलावा और काम भी करते थे (सुलेमान का ताबेए कर दिया था) और हम ही उनके निगेहबान थे