80وَعَلَّمناهُ صَنعَةَ لَبوسٍ لَكُم لِتُحصِنَكُم مِن بَأسِكُم ۖ فَهَل أَنتُم شاكِرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर हमने उसे तुम्हारे लिए एक परिधान (बनाने) की शिल्प-कला भी सिखाई थी, ताकि युद्ध में वह तुम्हारी रक्षा करे। फिर क्या तुम आभार मानते हो?