65ثُمَّ نُكِسوا عَلىٰ رُءوسِهِم لَقَد عَلِمتَ ما هٰؤُلاءِ يَنطِقونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकिन्तु फिर वे बिल्कुल औंधे हो रहे। (फिर बोले,) "तुझे तो मालूम है कि ये बोलते नहीं।"