52إِذ قالَ لِأَبيهِ وَقَومِهِ ما هٰذِهِ التَّماثيلُ الَّتي أَنتُم لَها عاكِفونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजब उन्होंने अपने (मुँह बोले) बाप और अपनी क़ौम से कहा ये मूर्ते जिनकी तुम लोग मुजाबिरी करते हो आख़िर क्या (बला) है