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Sura 21
Aya 5
5
بَل قالوا أَضغاثُ أَحلامٍ بَلِ افتَراهُ بَل هُوَ شاعِرٌ فَليَأتِنا بِآيَةٍ كَما أُرسِلَ الأَوَّلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(उस पर भी उन लोगों ने इक्तिफ़ा न की) बल्कि कहने लगे (ये कुरान तो) ख़ाबहाय परीशाँ का मजमूआ है बल्कि उसने खुद अपने जी से झूट-मूट गढ़ लिया है बल्कि ये शख्स शायर है और अगर हक़ीकतन रसूल है) तो जिस तरह अगले पैग़म्बर मौजिज़ों के साथ भेजे गए थे