5بَل قالوا أَضغاثُ أَحلامٍ بَلِ افتَراهُ بَل هُوَ شاعِرٌ فَليَأتِنا بِآيَةٍ كَما أُرسِلَ الأَوَّلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदनहीं, बल्कि वे कहते है, "ये तो संभ्रमित स्वप्नं है, बल्कि उसने इसे स्वयं ही घड़ लिया है, बल्कि वह एक कवि है! उसे तो हमारे पास कोई निशानी लानी चाहिए, जैसे कि (निशानियाँ लेकर) पहले के रसूल भेजे गए थे।"