39لَو يَعلَمُ الَّذينَ كَفَروا حينَ لا يَكُفّونَ عَن وُجوهِهِمُ النّارَ وَلا عَن ظُهورِهِم وَلا هُم يُنصَرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअगर इनकार करनेवालें उस समय को जानते, जबकि वे न तो अपने चहरों की ओर आग को रोक सकेंगे और न अपनी पीठों की ओर से और न उन्हें कोई सहायता ही पहुँच सकेगी तो (यातना की जल्दी न मचाते)