30أَوَلَم يَرَ الَّذينَ كَفَروا أَنَّ السَّماواتِ وَالأَرضَ كانَتا رَتقًا فَفَتَقناهُما ۖ وَجَعَلنا مِنَ الماءِ كُلَّ شَيءٍ حَيٍّ ۖ أَفَلا يُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या उन लोगों ने जिन्होंने इनकार किया, देखा नहीं कि ये आकाश और धरती बन्द थे। फिर हमने उन्हें खोल दिया। और हमने पानी से हर जीवित चीज़ बनाई, तो क्या वे मानते नहीं?