15فَما زالَت تِلكَ دَعواهُم حَتّىٰ جَعَلناهُم حَصيدًا خامِدينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर उनकी निरन्तर यही पुकार रही, यहाँ तक कि हमने उन्हें ऐसा कर दिया जैसे कटी हुई खेती, बुझी हुई आग हो