11وَكَم قَصَمنا مِن قَريَةٍ كانَت ظالِمَةً وَأَنشَأنا بَعدَها قَومًا آخَرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकितनी ही बस्तियों को, जो ज़ालिम थीं, हमने तोड़कर रख दिया और उनके बाद हमने दूसरे लोगों को उठाया