107وَما أَرسَلناكَ إِلّا رَحمَةً لِلعالَمينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (ऐ रसूल) हमने तो तुमको सारे दुनिया जहाँन के लोगों के हक़ में अज़सरतापा रहमत बनाकर भेजा