105وَلَقَد كَتَبنا فِي الزَّبورِ مِن بَعدِ الذِّكرِ أَنَّ الأَرضَ يَرِثُها عِبادِيَ الصّالِحونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हमने तो नसीहत (तौरेत) के बाद यक़ीनन जुबूर में लिख ही दिया था कि रूए ज़मीन के वारिस हमारे नेक बन्दे होंगे