96قالَ بَصُرتُ بِما لَم يَبصُروا بِهِ فَقَبَضتُ قَبضَةً مِن أَثَرِ الرَّسولِ فَنَبَذتُها وَكَذٰلِكَ سَوَّلَت لي نَفسيफ़ारूक़ ख़ान & नदवीउसने (जवाब में) कहा मुझे वह चीज़ दिखाई दी जो औरों को न सूझी (जिबरील घोड़े पर सवार जा रहे थे) तो मैंने जिबरील फरिश्ते (के घोड़े) के निशाने क़दम की एक मुट्ठी (ख़ाक) की उठा ली फिर मैंने (बछड़ों के क़ालिब में) डाल दी (तो वह बोलेने लगा