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Sura 20
Aya 89
89
أَفَلا يَرَونَ أَلّا يَرجِعُ إِلَيهِم قَولًا وَلا يَملِكُ لَهُم ضَرًّا وَلا نَفعًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या वे देखते न थे कि न वह किसी बात का उत्तर देता है और न उसे उनकी हानि का कुछ अधिकार प्राप्त है और न लाभ का?