64فَأَجمِعوا كَيدَكُم ثُمَّ ائتوا صَفًّا ۚ وَقَد أَفلَحَ اليَومَ مَنِ استَعلىٰफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो तुम भी खूब अपने चलत्तर (जादू वग़ैरह) दुरूस्त कर लो फिर परा (सफ़) बाँध के (उनके मुक़ाबले में) आ पड़ो और जो आज डर रहा हो वही फायज़ुलहराम रहा