61قالَ لَهُم موسىٰ وَيلَكُم لا تَفتَروا عَلَى اللَّهِ كَذِبًا فَيُسحِتَكُم بِعَذابٍ ۖ وَقَد خابَ مَنِ افتَرىٰफ़ारूक़ ख़ान & अहमदमूसा ने उन लोगों से कहा, "तबाही है तुम्हारी; झूठ घड़कर अल्लाह पर न थोपो कि वह तुम्हें एक यातना से विनष्ट कर दे और झूठ जिस किसी ने भी घड़कर थोपा, वह असफल रहा।"