58فَلَنَأتِيَنَّكَ بِسِحرٍ مِثلِهِ فَاجعَل بَينَنا وَبَينَكَ مَوعِدًا لا نُخلِفُهُ نَحنُ وَلا أَنتَ مَكانًا سُوًىफ़ारूक़ ख़ान & नदवीकि हम को हमारे मुल्क (मिस्र से) अपने जादू के ज़ोर से निकाल बाहर करो अच्छा तो (रहो) हम भी तुम्हारे सामने ऐसा जादू पेश करते हैं फिर तुम अपने और हमारे दरमियान एक वक्त मुक़र्रर करो कि न हम उसके ख़िलाफ करे और न तुम और मुक़ाबला एक साफ़ खुले मैदान में हो