18قالَ هِيَ عَصايَ أَتَوَكَّأُ عَلَيها وَأَهُشُّ بِها عَلىٰ غَنَمي وَلِيَ فيها مَآرِبُ أُخرىٰफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउसने कहा, "यह मेरी लाठी है। मैं इसपर टेक लगाता हूँ और इससे अपनी बकरियों के लिए पत्ते झाड़ता हूँ और इससे मेरी दूसरी ज़रूरतें भी पूरी होती है।"