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Sura 20
Aya 18
18
قالَ هِيَ عَصايَ أَتَوَكَّأُ عَلَيها وَأَهُشُّ بِها عَلىٰ غَنَمي وَلِيَ فيها مَآرِبُ أُخرىٰ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उसने कहा, "यह मेरी लाठी है। मैं इसपर टेक लगाता हूँ और इससे अपनी बकरियों के लिए पत्ते झाड़ता हूँ और इससे मेरी दूसरी ज़रूरतें भी पूरी होती है।"