129وَلَولا كَلِمَةٌ سَبَقَت مِن رَبِّكَ لَكانَ لِزامًا وَأَجَلٌ مُسَمًّىफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (ऐ रसूल) अगर तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से पहले ही एक वायदा और अज़ाब का) एक वक्त मुअय्युन न होता तो (उनकी हरकतों से) फ़ौरन अज़ाब का आना लाज़मी बात थी