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Sura 20
Aya 127
127
وَكَذٰلِكَ نَجزي مَن أَسرَفَ وَلَم يُؤمِن بِآياتِ رَبِّهِ ۚ وَلَعَذابُ الآخِرَةِ أَشَدُّ وَأَبقىٰ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जिसने (हद से) तजाविज़ किया और अपने परवरदिगार की आयतों पर ईमान न लाया उसको ऐसी ही बदला देगें और आख़िरत का अज़ाब तो यक़ीनी बहुत सख्त और बहुत देर पा है