113وَكَذٰلِكَ أَنزَلناهُ قُرآنًا عَرَبِيًّا وَصَرَّفنا فيهِ مِنَ الوَعيدِ لَعَلَّهُم يَتَّقونَ أَو يُحدِثُ لَهُم ذِكرًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर इस प्रकार हमने इसे अरबी क़ुरआन के रूप में अवतरित किया है और हमने इसमें तरह-तरह से चेतावनी दी है, ताकि वे डर रखें या यह उन्हें होश दिलाए