112وَمَن يَعمَل مِنَ الصّالِحاتِ وَهُوَ مُؤمِنٌ فَلا يَخافُ ظُلمًا وَلا هَضمًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जिसने अच्छे-अच्छे काम किए और वह मोमिन भी है तो उसको न किसी तरह की बेइन्साफ़ी का डर है और न किसी नुक़सान का