111۞ وَعَنَتِ الوُجوهُ لِلحَيِّ القَيّومِ ۖ وَقَد خابَ مَن حَمَلَ ظُلمًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदचेहरे उस जीवन्त, शाश्वत सत्ता के आगे झुकें होंगे। असफल हुआ वह जिसने ज़ुल्म का बोझ उठाया