104نَحنُ أَعلَمُ بِما يَقولونَ إِذ يَقولُ أَمثَلُهُم طَريقَةً إِن لَبِثتُم إِلّا يَومًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजो कुछ ये लोग (उस दिन) कहेंगे हम खूब जानते हैं कि जो इनमें सबसे ज्यादा होशियार होगा बोल उठेगा कि तुम बस (बहुत से बहुत) एक दिन ठहरे होगे