104نَحنُ أَعلَمُ بِما يَقولونَ إِذ يَقولُ أَمثَلُهُم طَريقَةً إِن لَبِثتُم إِلّا يَومًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहम भली-भाँति जानते है जो कुछ वे कहेंगे, जबकि उनका सबसे अच्छी सम्मतिवाला कहेगा, "तुम तो बस एक ही दिन ठहरे हो।"