10إِذ رَأىٰ نارًا فَقالَ لِأَهلِهِ امكُثوا إِنّي آنَستُ نارًا لَعَلّي آتيكُم مِنها بِقَبَسٍ أَو أَجِدُ عَلَى النّارِ هُدًىफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो अपने घर के लोगों से कहने लगे कि तुम लोग (ज़रा यहीं) ठहरो मैंने आग देखी है क्या अजब है कि मैं वहाँ (जाकर) उसमें से एक अंगारा तुम्हारे पास ले आऊँ या आग के पास किसी राह का पता पा जाऊँ