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Sura 2
Aya 80
80
وَقالوا لَن تَمَسَّنَا النّارُ إِلّا أَيّامًا مَعدودَةً ۚ قُل أَتَّخَذتُم عِندَ اللَّهِ عَهدًا فَلَن يُخلِفَ اللَّهُ عَهدَهُ ۖ أَم تَقولونَ عَلَى اللَّهِ ما لا تَعلَمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वे कहते है, "जहन्नम की आग हमें नहीं छू सकती, हाँ, कुछ गिने-चुने दिनों की बात और है।" कहो, "क्या तुमने अल्लाह से कोई वचन ले रखा है? फिर तो अल्लाह कदापि अपने वचन के विरुद्ध नहीं जा सकता? या तुम अल्लाह के ज़िम्मे डालकर ऐसी बात कहते हो जिसका तुम्हें ज्ञान नहीं?