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Sura 2
Aya 72
72
وَإِذ قَتَلتُم نَفسًا فَادّارَأتُم فيها ۖ وَاللَّهُ مُخرِجٌ ما كُنتُم تَكتُمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जब एक शख्स को मार डाला और तुममें उसकी बाबत फूट पड़ गई एक दूसरे को क़ातिल बताने लगा जो तुम छिपाते थे