72وَإِذ قَتَلتُم نَفسًا فَادّارَأتُم فيها ۖ وَاللَّهُ مُخرِجٌ ما كُنتُم تَكتُمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जब एक शख्स को मार डाला और तुममें उसकी बाबत फूट पड़ गई एक दूसरे को क़ातिल बताने लगा जो तुम छिपाते थे