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Sura 2
Aya 54
54
وَإِذ قالَ موسىٰ لِقَومِهِ يا قَومِ إِنَّكُم ظَلَمتُم أَنفُسَكُم بِاتِّخاذِكُمُ العِجلَ فَتوبوا إِلىٰ بارِئِكُم فَاقتُلوا أَنفُسَكُم ذٰلِكُم خَيرٌ لَكُم عِندَ بارِئِكُم فَتابَ عَلَيكُم ۚ إِنَّهُ هُوَ التَّوّابُ الرَّحيمُ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और जब मूसा ने अपनी क़ौम से कहा, "ऐ मेरी कौम के लोगो! बछड़े को देवता बनाकर तुमने अपने ऊपर ज़ुल्म किया है, तो तुम अपने पैदा करनेवाले की ओर पलटो, अतः अपने लोगों को स्वयं क़त्ल करो। यही तुम्हारे पैदा करनेवाले की स्पष्ट में तुम्हारे लिए अच्छा है, फिर उसने तुम्हारी तौबा क़बूल कर ली। निस्संदेह वह बड़ी तौबा क़बूल करनेवाला, अत्यन्त दयावान है।"