284لِلَّهِ ما فِي السَّماواتِ وَما فِي الأَرضِ ۗ وَإِن تُبدوا ما في أَنفُسِكُم أَو تُخفوهُ يُحاسِبكُم بِهِ اللَّهُ ۖ فَيَغفِرُ لِمَن يَشاءُ وَيُعَذِّبُ مَن يَشاءُ ۗ وَاللَّهُ عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ قَديرٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़) सब कुछ खुदा ही का है और जो कुछ तुम्हारे दिलों में हे ख्वाह तुम उसको ज़ाहिर करो या उसे छिपाओ ख़ुदा तुमसे उसका हिसाब लेगा, फिर जिस को चाहे बख्श दे और जिस पर चाहे अज़ाब करे, और ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है