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Sura 2
Aya 28
28
كَيفَ تَكفُرونَ بِاللَّهِ وَكُنتُم أَمواتًا فَأَحياكُم ۖ ثُمَّ يُميتُكُم ثُمَّ يُحييكُم ثُمَّ إِلَيهِ تُرجَعونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(हाँए) क्यों कर तुम खुदा का इन्कार कर सकते हो हालाँकि तुम (माओं के पेट में) बेजान थे तो उसी ने तुमको ज़िन्दा किया फिर वही तुमको मार डालेगा, फिर वही तुमको (दोबारा क़यामत में) ज़िन्दा करेगा फिर उसी की तरफ लौटाए जाओगे