279فَإِن لَم تَفعَلوا فَأذَنوا بِحَربٍ مِنَ اللَّهِ وَرَسولِهِ ۖ وَإِن تُبتُم فَلَكُم رُءوسُ أَموالِكُم لا تَظلِمونَ وَلا تُظلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर यदि तुमने ऐसा न किया तो अल्लाह और उसके रसूल से युद्ध के लिए ख़बरदार हो जाओ। और यदि तौबा कर लो तो अपना मूलधन लेने का तुम्हें अधिकार है। न तुम अन्याय करो और न तुम्हारे साथ अन्याय किया जाए