276يَمحَقُ اللَّهُ الرِّبا وَيُربِي الصَّدَقاتِ ۗ وَاللَّهُ لا يُحِبُّ كُلَّ كَفّارٍ أَثيمٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअल्लाह ब्याज को घटाता और मिटाता है और सदक़ों को बढ़ाता है। और अल्लाह किसी अकृतज्ञ, हक़ मारनेवाले को पसन्द नहीं करता