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Sura 2
Aya 257
257
اللَّهُ وَلِيُّ الَّذينَ آمَنوا يُخرِجُهُم مِنَ الظُّلُماتِ إِلَى النّورِ ۖ وَالَّذينَ كَفَروا أَولِياؤُهُمُ الطّاغوتُ يُخرِجونَهُم مِنَ النّورِ إِلَى الظُّلُماتِ ۗ أُولٰئِكَ أَصحابُ النّارِ ۖ هُم فيها خالِدونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ख़ुदा उन लोगों का सरपरस्त है जो ईमान ला चुके कि उन्हें (गुमराही की) तारीक़ियों से निकाल कर (हिदायत की) रौशनी में लाता है और जिन लोगों ने कुफ़्र इख्तेयार किया उनके सरपरस्त शैतान हैं कि उनको (ईमान की) रौशनी से निकाल कर (कुफ़्र की) तारीकियों में डाल देते हैं यही लोग तो जहन्नुमी हैं (और) यही उसमें हमेशा रहेंगे