256لا إِكراهَ فِي الدّينِ ۖ قَد تَبَيَّنَ الرُّشدُ مِنَ الغَيِّ ۚ فَمَن يَكفُر بِالطّاغوتِ وَيُؤمِن بِاللَّهِ فَقَدِ استَمسَكَ بِالعُروَةِ الوُثقىٰ لَا انفِصامَ لَها ۗ وَاللَّهُ سَميعٌ عَليمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदधर्म के विषय में कोई ज़बरदस्ती नहीं। सही बात नासमझी की बात से अलग होकर स्पष्ट हो गई है। तो अब जो कोई बढ़े हुए सरकश को ठुकरा दे और अल्लाह पर ईमान लाए, उसने ऐसा मज़बूत सहारा थाम लिया जो कभी टूटनेवाला नहीं। अल्लाह सब कुछ सुनने, जाननेवाला है