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Sura 2
Aya 25
25
وَبَشِّرِ الَّذينَ آمَنوا وَعَمِلُوا الصّالِحاتِ أَنَّ لَهُم جَنّاتٍ تَجري مِن تَحتِهَا الأَنهارُ ۖ كُلَّما رُزِقوا مِنها مِن ثَمَرَةٍ رِزقًا ۙ قالوا هٰذَا الَّذي رُزِقنا مِن قَبلُ ۖ وَأُتوا بِهِ مُتَشابِهًا ۖ وَلَهُم فيها أَزواجٌ مُطَهَّرَةٌ ۖ وَهُم فيها خالِدونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जो लोग ईमान लाए और उन्होंने नेक काम किए उनको (ऐ पैग़म्बर) खुशख़बरी दे दो कि उनके लिए (बेहिश्त के) वह बाग़ात हैं जिनके नीचे नहरे जारी हैं जब उन्हें इन बाग़ात का कोई मेवा खाने को मिलेगा तो कहेंगे ये तो वही (मेवा है जो पहले भी हमें खाने को मिल चुका है) (क्योंकि) उन्हें मिलती जुलती सूरत व रंग के (मेवे) मिला करेंगे और बेहिश्त में उनके लिए साफ सुथरी बीवियाँ होगी और ये लोग उस बाग़ में हमेशा रहेंगे