245مَن ذَا الَّذي يُقرِضُ اللَّهَ قَرضًا حَسَنًا فَيُضاعِفَهُ لَهُ أَضعافًا كَثيرَةً ۚ وَاللَّهُ يَقبِضُ وَيَبسُطُ وَإِلَيهِ تُرجَعونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकौन है जो अल्लाह को अच्छा ऋण दे कि अल्लाह उसे उसके लिए कई गुना बढ़ा दे? और अल्लाह ही तंगी भी देता है और कुशादगी भी प्रदान करता है, और उसी की ओर तुम्हें लौटना है