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Sura 2
Aya 243
243
۞ أَلَم تَرَ إِلَى الَّذينَ خَرَجوا مِن دِيارِهِم وَهُم أُلوفٌ حَذَرَ المَوتِ فَقالَ لَهُمُ اللَّهُ موتوا ثُمَّ أَحياهُم ۚ إِنَّ اللَّهَ لَذو فَضلٍ عَلَى النّاسِ وَلٰكِنَّ أَكثَرَ النّاسِ لا يَشكُرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ताकि तुम समझो (ऐ रसूल) क्या तुम ने उन लोगों के हाल पर नज़र नही की जो मौत के डर के मारे अपने घरों से निकल भागे और वह हज़ारो आदमी थे तो ख़ुदा ने उन से फरमाया कि सब के सब मर जाओ (और वह मर गए) फिर ख़ुदा न उन्हें जिन्दा किया बेशक ख़ुदा लोगों पर बड़ा मेहरबान है मगर अक्सर लोग उसका शुक्र नहीं करते