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Sura 2
Aya 240
240
وَالَّذينَ يُتَوَفَّونَ مِنكُم وَيَذَرونَ أَزواجًا وَصِيَّةً لِأَزواجِهِم مَتاعًا إِلَى الحَولِ غَيرَ إِخراجٍ ۚ فَإِن خَرَجنَ فَلا جُناحَ عَلَيكُم في ما فَعَلنَ في أَنفُسِهِنَّ مِن مَعروفٍ ۗ وَاللَّهُ عَزيزٌ حَكيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

उसी तरह ख़ुदा को याद करो और तुम में से जो लोग अपनी बीवियों को छोड़ कर मर जाएँ उन पर अपनी बीबियों के हक़ में साल भर तक के नान व नुफ्के (रोटी कपड़ा) और (घर से) न निकलने की वसीयत करनी (लाज़िम) है पस अगर औरतें ख़ुद निकल खड़ी हो तो जायज़ बातों (निकाह वगैरह) से कुछ अपने हक़ में करे उसका तुम पर कुछ इल्ज़ाम नही है और ख़ुदा हर यै पर ग़ालिब और हिक़मत वाला है