227وَإِن عَزَمُوا الطَّلاقَ فَإِنَّ اللَّهَ سَميعٌ عَليمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर अगर तलाक़ ही की ठान ले तो (भी) बेशक ख़ुदा सबकी सुनता और सब कुछ जानता है